MIND - DELIRIUM - embraces the stove and wishes to climb upon it as on a tree (RUBRIC)

MIND - DELIRIUM - embraces the stove and wishes to climb upon it as on a tree 

Hyos.

1. मरता क्या नहीं करता। दर्द से इतना मैं छटपटाता था कि मैं सोचा नींबू का रस पी लूंगा तो ठीक हो जाएगा। एक तो छाले है मुंह में, उसमें मिर्ची खा रहा है। Skin में जलन है उस पर गर्म पानी डाल रहा है।

2. आग के गोले के सहारे पेड़ पर चढ़ने की गलती करता है। कई लोग कड़वा गर्म काढ़ा भी पी लेते हैं। जीभ जल जाती है, लेकिन बोलते हैं, उससे पथरी गल जाएगी। कोई कान में छेद या जीभ में छेद करवाकर आएंगे। कठिन यातना सहते हैं और कहते हैं मरता क्या नहीं करता।

3. मरीज - डॉक्टर साहब काढ़ा पी पीकर मेरा पूरा गला खराब हो गया है।

डॉक्टर - तब काढ़ा पीने की जरूरत क्या है?

मरीज - डॉक्टर साहब कोरोना के डर से पीना ही पड़ता है।

4. मरीज - डॉक्टर साहब मरता क्या नहीं करता। मैंने तो कड़वा चिरायता भी पिया।

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