MIND - EGOTISM, self-esteem (RUBRIC)
MIND - EGOTISM, self-esteem
1. मरीज
- पहले तो Psoriasis जैसा शरीर के दूसरे भागों में था, बड़े बड़े थे। पर वह सब ठीक
हो गया। मैंने (इसपर जोर) अपनी दवा से मिटा दिया।
2. जो
मैं मैं बोले - Ego
DD जो जरूरत से ज्यादा बोले - MIND - BOASTER (=BRAGGARD)
3. मरीज
- मै हीं कर सकता हूं और कोई नहीं कर सकता है। घुटने के दर्द में मैं जितना चल पाती
हूं, उतना कोई नहीं चल पाएगा।
4. मरीज
- मैं ही हूं जो इतनी उम्र में भी अपना काम कर लेती हूं, कोई दूसरी होती तो खाट पकड़
लेती थी।
5.
9th Class का बच्चा पैर के ऊपर पैर रख कर बॉस के जैसा बैठे।
मरीज
- मैं इतना बड़ा प्लेयर हूं। मैं इस इंस्टीट्यूट में जाता हूं। कोई इंस्टिट्यूट का
नाम लेकर।
6. मरीज
- डॉक्टर साहब रात को इतना दर्द हो रहा था, मैं हूं जो सहन कर लिया। दूसरे लोग तो बाप
बाप चिल्लाते या पागल हो गए होते।
7. मरीज
(जो डॉक्टर है।) - हम डॉक्टर होकर किसी दूसरे डॉक्टर के पास जाएं! हम डॉक्टर होकर पब्लिक
टॉयलेट में जाएं!
8. मरीज
- मैं नहीं चाहता कि मुझे छुट्टी लेना पड़े।
डॉक्टर
- आप छुट्टी क्यों नहीं लेना चाहते?
मरीज
- मेरा काम ही ऐसा है कि कोई नहीं कर सकता। मैं कंप्यूटर ग्राफिक डिजाइनर हूं। मेरे
बिना ऑफिस में काम भी आगे नहीं बढ़ता है। अगर दूसरा कोई करना भी करता भी है तो मेरा
Boss उसे फाइनल नहीं करता है। क्योंकि मैं जिस बारीकी से डिजाइन बनाता हूं, जो सब नहीं
कर पाते।
9. मरीज
- मेरा गुस्सा इतना फेमस है कि मेरे Boss भी मुझे फोन नहीं करते कि आज तुम काम पर क्यों
नहीं आए।
10.
मरीज - मैंने (इसपर ज्यादा जोर) किया। मैंने (इसपर ज्यादा जोर) सबको भगा दिया। (मरीज
अपनी बात करता है।)
11.
मरीज - मुझे कुछ हो गया तो उनकी (मेरे घर वालों की) देखरेख मेरे जैसा कौन करेगा!
12.
मरीज - अब कुछ भी खाने का मन नहीं करता है। जबकि पहले मैं जो चाहती थी, वह बनवा कर
या बाहर से मंगवा कर या खुद जाकर खा लेती थी।
13.
मरीज बोलते रहता है कि मैंने यह किया, मैंने वह किया।
14.
मरीज - डॉक्टर साहब मैं 20-20 लोगों को खाना खिलाती थी। अब तो बहू को बोलना पड़ता है
बहू रोटी मिलेगी क्या? (DD MIND - DELUSIONS - wealth, of)
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